मुंबई, 15 जुलाई 2025: दुनिया की प्रमुख इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता कंपनी टेस्ला ने भारत में अपनी आधिकारिक एंट्री कर ली है। कंपनी ने मुंबई के बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स (BKC) स्थित Maker Maxity मॉल में अपना पहला टेस्ला एक्सपीरियंस सेंटर लॉन्च किया। उद्घाटन समारोह में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उद्योग मंत्री उदय सामंत मौजूद रहे।
शो रूम की खास बातें
- टेस्ला का यह शोरूम लगभग 4,000 वर्ग फुट में फैला हुआ है और इसे केवल 45 दिनों में तैयार किया गया।
- आधुनिक और स्लीक डिज़ाइन वाला यह एक्सपीरियंस सेंटर ग्राहकों को टेस्ला की तकनीक और ड्राइविंग अनुभव का अहसास कराता है।
- सीएम फडणवीस ने कहा, “टेस्ला का भारत आना एक बड़ा कदम है और यह दिखाता है कि महाराष्ट्र नवाचार और स्थायित्व का समर्थन करता है।”
भारत में लॉन्च हुई पहली कार: Tesla Model Y
टेस्ला ने भारत में अपनी शुरुआत Model Y SUV से की है, जो दो वैरिएंट्स में उपलब्ध होगी:
वैरिएंट रेंज (WLTP) 0–100 किमी/घंटा कीमत (एक्स-शोरूम)
RWD ~500 किमी 5.9 सेकंड ₹59.9 लाख
लॉन्ग रेंज RWD ~622 किमी 5.6 सेकंड ₹67.9 लाख
नोट: ऑन-रोड कीमतें ₹61 लाख से ₹70 लाख के बीच होंगी, जो उच्च आयात शुल्क (70% से 110%) के कारण हैं।
चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर
टेस्ला ने मुंबई में चार लोकेशनों पर चार्जिंग स्टेशनों की योजना बनाई है:
•BKC
•लोअर परेल
•ठाणे
•नवी मुंबई
हर स्थान पर 16 सुपरचार्जर और 16 डेस्टिनेशन चार्जर होंगे। सुपरचार्जर मात्र 15 मिनट में 267 किमी तक की रेंज दे सकते हैं।
भारत में टेस्ला की रणनीति
टेस्ला ने फिलहाल चीन के शंघाई प्लांट से पूरी तरह से निर्मित (CBU) यूनिट्स आयात की हैं।
भारी टैक्स के बावजूद, टेस्ला ने प्रीमियम सेगमेंट में कदम रखा है, जिससे इसका मुकाबला बीएमडब्ल्यू, मर्सिडीज-बेंज जैसे ब्रांड्स से होगा।
कंपनी भारत सरकार से टैक्स राहत और स्थानीय निर्माण की बातचीत भी कर रही है।
आगे क्या?
दिल्ली-NCR में जल्द ही दूसरा शोरूम लॉन्च किया जाएगा।
बेंगलुरु, पुणे, चेन्नई जैसे शहरों में भी शोरूम और चार्जिंग नेटवर्क का विस्तार किया जाएगा।
टेस्ला का लक्ष्य भारत के 2030 तक 30% EV बिक्री के लक्ष्य में अहम भूमिका निभाना है।
टेस्ला का मुंबई में शोरूम खोलना भारत में इलेक्ट्रिक वाहन क्रांति की दिशा में एक बड़ा कदम है। हालाँकि इसकी कीमतें आम ग्राहकों के लिए ऊँची हो सकती हैं, लेकिन ब्रांड की एंट्री से EV इंडस्ट्री को मजबूती मिलेगी और यह देश में टिकाऊ परिवहन को बढ़ावा देगा।